कौसानी यात्रा का तीसरा दिन
31-Dec-2013
कल रत से ही बारिश हो रही थी. सुबह उठे तो कमरे की खिड़की से ही सामने पहाड़ पर बर्फ दिखाई दे रही थी। बर्फ देख कर हमारी ख़ुशी का आलम ना था. सब जल्दी जल्दी रेडी हो गए। प्लान बना नैना पीक जाने का।
सुबह 09:30 बजे ही होटल से निकल गए नैना पीक जाने के लिए। जैसे ही हाई कोर्ट वाले रस्ते पर पहुंचे सड़क पर बर्फ मिलने लगी। बारापथर से सीधे कालाढूंगी है और दये किलबरी। हम किलबरी की तरफ हो लिए। बारापथर से तो और ज़्यादा बर्फ मिलने लगी।
कभी भी नैनीताल में बर्फ गिरती है तो सबसे पहले और सब से ज़्यादा किलबरी साइड में गिरती है। हिमालय दर्शन से थोड़ा पहले 1 ढाबे के बराबर से पैदल रास्ता नैना पीक जाता है। वही ढाबे के पास हमने अपनी कार पार्क कर दी और पैदल चल दिए नैना पीक की तरफ। 2 तक पैदल बर्फ में चल कर पैर सुन्न हो गए। नैना पीक के पैदल रस्ते में 1 तिराहा आता है हमे सीधे जाना है और दये हाथ वाला रास्ता किलबरी जाता है।
नैना पीक से जो नज़ारा दिखा उस को में शब्दों में बयां नहीं कर सकता। अस पास के पहाड़ बर्फ से ढके होए थे।नैना पीक पर फारेस्ट डिपार्टमेंट का रिपीटर लगा हुआ है वहां मैगी और चाय ली और 1 घंटा नैना पीक पर आराम कर के हम वापसी नैनीताल सिटी आ गए और न्यू ईयर वही सेलिब्रेट करा.
अगले दिन हम सुबह 10 बजे वापसी चल दिए और 2 बजे तक मुरादाबाद आ गए।
वापसी में सरसो के खेत का 1 फोटो। यहाँ फोटो लेने के चक्कर में मेरा मोबाइल गिर गया था। |
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