9 जून 2015
शाम 6:30 बजे मुरादाबाद बस स्टेशन पर पहुँच गया। इरादा था रात को हलद्वानी से 12 बजे मुनस्यारी वाली बस से सीधा मुनस्यारी जाने का।
हल्द्वानी से मुनस्यारी 1 ही बस जाती थी, पहले यह बस मुनस्यारी तक जाती थी परन्तु अब कुछ समय से यह बस केवल थल तक जाती है और यह बस आप को सुबह 11:30 बजे तक थल पहुँचाती है। थल से आप जीप से मुनस्यारी जा सकते हैं. .
हल्द्वानी से थल 217 KM है और थल से मुनस्यारी 72 KM है।
शाम को 7:15 बजे मुरादाबाद से चला 10:30 बजे हल्द्वानी पहुँच गया. 12 बजे बस आ गई, कंडक्टर से बात करी तो बस में कोई सीट खाली नहीं थी, मुझे पता था 1 बजे यहाँ से न्यूज़ पेपर ले जाने वाली जीप जाती हैं, बस छोड़ दी जीप वाले को ढूंढा, 400 में थल तक के लिए जीप हो गई.
हल्द्वानी से रत को 1 बजे चल दिए, सुबह 4 बजे अल्मोड़ा पहुंच गया 15 मिनट यहाँ रुके फिर सुबह 8 बजे बेरीनाग पहुंच गया यहाँ चाय पी और सुबह 9.30 बजे थल पहुंच गया। थल पहुंच कर समोसे खाए और चाय पी.
यहाँ से दूसरी जीप करी और सुबह 11:30 बजे थल से चले. थल से मुनस्यारी के रस्ते में तेजम तक रामगंगा नदी साथ साथ चलती है, एक दम नीला पानी है खूब फोटो खीचे पर सब जीप में बैठे बैठे ही. मुनस्यारी से 30 KM पहले बिर्थी फॉल पड़ता है बड़ा सुन्दर झरना है. बिर्थी झरना 125 मीटर की उचाई से गिरता है, यह झरना काफी दूर से ही नज़र आने लगता है।
2.30 बजे मुनस्यारी पहुंच गया, मौसम साफ़ नहीं था, पंचचूली नहीं दिखे थोड़ा अफ़सोस था
300 रुपये में होटल का कमरा ले लिया, कमरे में गीज़र भी था सोचा नाहा लु पर नहीं नहाया, भूक लगी थी खाना खाने गया तो 4 बज गए थे यहाँ रेस्टुरेन्ट कम ही हैं. 4 बजे किसी रेस्टुरेन्ट में खाना नहीं मिला। यहाँ खाना टाइम से बनता है और टाइम से खत्म हो जाता है, फिर से चाय पी और बन खाए.
पेट पूजा के बाद बाजार घूमा, यहाँ का बाजार पर्यटकों के लिए ज़्यादा खास नहीं है जैसा की नैनीताल या मसूरी का है, लोकल लोगो के लिए अच्छा बाजार है, आस पास के गाँव के लोग यहाँ से ज़्यादा खरीदारी करते हैं
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हल्द्वानी से प्रस्थान |
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बिनसर में सूर्य उदय |
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बिनसर में सूर्य उदय |
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थल में समोसे और चाय |
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थल से बीच बीच में ऐसी सड़क है
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बिर्थी झरना कई KM पहले से
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